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आज की रात पिया दिल ना तोड़ो….अभिनेत्री कल्पना कार्तिक की पहली फिल्म में गाया था गीता दत्त ने इसे

Wednesday, November 25th, 2009

Kalpana Kartik

आज गीता जी की आवाज़ जिस अभिनेत्री पर सजने जा रही है वो हैं कल्पना कार्तिक। कल्पना कार्तिक का असली नाम था मोना सिंह, जो अपनी कॊलेज के दिनों में ‘मिस शिमला’ चुनी गईं थीं। अभिनेता देव आनंद से उनकी मुलाक़ात हुई और १९५४ में रूस में उन दोनों ने शादी कर ली। लेकिन ऐसा भी सुना जाता है कि उन दोनों की पहली मुलाक़ात फ़िल्म ‘बाज़ी’ के सेट पर हुई थी और ‘टैक्सी ड्राइवर’ के सेट पर शूटिंग् के दरमियान उन दोनों ने शादी की थी। लेकिन ऐसी कोई भी तस्वीर मौजूद नहीं है जो सच साबित कर सके। कल्पना कार्तिक ने अपनी फ़िल्मों में देव साहब के साथ ही काम किया। ५० के दशक में उनकी अभिनय से सजी कुल ५ फ़िल्में आईं। पहली फ़िल्म थी बाज़ी, जो बनी १९५१ में। बाक़ी चार फ़िल्मों के नाम हैं आंधियाँ (‘५२), टैक्सी ड्राइवर (‘५४), हाउस नंबर ४४ (‘५४), और नौ दो ग्यारह (‘५७)। दोस्तों, ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर आप ‘बाज़ी’, ‘टैक्सी ड्राइवर’ और ‘हाउस नंबर ४४’ के गीत सुन चुके हैं हाल ही में साहिर लुधियानवी व सचिन देव बर्मन पर केन्द्रित विशेष शृंखला के अंतर्गत। आज एक बार फिर से हम सुनेंगे फ़िल्म ‘बाज़ी’ से एक गीत। दरसल ‘बाज़ी’ में गीता जी के गाए एक से एक सुपरहिट गीत हैं जिनके बारे में हमने आपको साहिर-सचिनदा वाली शृंखला में ही बताया था। आज का गीत है “आज की रात पिया दिल ना तोड़ो, दिल की बात पिया मान लो”।

फ़िल्म ‘बाज़ी’ में जब गीता रॉय ने गीत गाए थे तब उनकी उम्र कुछ २०-२१ वर्ष की रही होगी। सचिन देव बर्मन ने गीता रॊय को ४० के आख़िर से लेकर ५० के दशक के बीचों बीच तक बहुत से ऐसे गानें गवाये जो कालजयी बन गए हैं। इसी फ़िल्म ‘बाज़ी’ के दौरान गीता रॉय और गुरु दत्त साहब में भी प्रेम हुआ और इन दोनों ने भी शादी कर ली। इस तरह से यह फ़िल्म आज गवाह है एक नहीं बल्कि दो दो प्रेम कहानियों की। फ़िल्म ‘बाज़ी’ में गुरु दत्त एक गेस्ट अपीयरन्स में भी नज़र आए थे। बर्मन दादा ने गीता जी से कुल ६ गीत गवाए थे इस फ़िल्म में जो एक दूसरे से बहुत अलग अंदाज़ वाले थे। इस फ़िल्म के बाक़ी गीत ज़्यादातर पाश्चात्य संगीत पर आधारित हैं लेकिन यह गीत पूरी तरह से इस धरती से जुड़ा हुआ है और बेहद मीठा व सुरीला है। यह फ़िल्म ना केवल कल्पना कार्तिक की पहली फ़िल्म थी, बल्कि इस फ़िल्म ने कई और कलाकारों के करीयर में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जैसे कि देव आनंद, गुरु दत्त, गीता रॉय, साहिर लुधियानवी और सचिन दा की भी। गीत सुनवाने से पहले इस गीत से जुड़ी एक और ख़ास बात। १९५३ में एक फ़िल्म आई थी ‘जीवन ज्योति’ जिसमें बर्मन दादा का संगीत था। इस फ़िल्म में उन्होने गीता रॉय और साथियों से एक पेपी नंबर गवाया था “देखो देखो नजर लग जाए ना, बैरन की नजर लग जाए ना”। इस गीत की एक उल्लेखनीय बात यह है कि इसकी इंटर्ल्युड की धुन “आज की रात पिया” की ही धुन है। कभी मौका मिला तो ज़रूर सुनिएगा। और अब वक़्त हो चला है आपको आज का गीत सुनवाने का। पेश-ए-ख़िदमत है कल्पना कार्तिक पर फ़िल्माया हुआ गीता रॉय की आवाज़ का जादू।

Source :

http://podcast.hindyugm.com/2009/11/aaj-ki-raat-piya-dil-na-todo.html

हम “हिन्दयुग्म ” के “आवाज़” परिवार के आभारी है, जिन्हें हमें यह लेख यहापर प्रस्तुत करने की अनुमती दी. सजीव जी और सुजॉय जी का विशेष आभार.